चकिया से बड़ी खबर : 20 साल पुराने मामले में भाजपा नेताओं को सजा
विवेक भारती ( क्राइम रिपोर्टर )
यह मामला वर्ष 2006 के चकिया नगर पंचायत अध्यक्ष चुनाव से जुड़ा है। उस समय भाजपा ने अशोक कुमार बागी का टिकट काटकर राजेंद्र प्रसाद जायसवाल को प्रत्याशी बनाया था। टिकट कटने से नाराज़ होकर कुछ भाजपा नेता उग्र हो गए और आरोप है कि उन्होंने भाजपा का झंडा सार्वजनिक रूप से फूंक दिया, साथ ही राणा प्रताप सिंह की गाड़ी रोककर उसमें तोड़फोड़ की।
राजनीति में हलचल
भाजपा नेताओं द्वारा ही पार्टी का झंडा जलाने और गाड़ी पर हमला करने जैसी घटना उस समय बड़ी सुर्खियों में रही थी। अब लगभग 20 साल बाद आए इस फैसले ने स्थानीय राजनीति को फिर से गर्मा दिया है।
घटना के बाद पुलिस ने भाजपा नेताओं पर मुकदमा दर्ज किया था। मामले में कुल चार नेताओं—चकिया के पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार बागी, अचल जायसवाल, शिव रतन गुप्ता और सरदार कुलवंत सिंह को नामजद किया गया। समय के साथ अशोक कुमार बागी और अचल जायसवाल का निधन हो गया, जिसके बाद उनके नाम हटा दिए गए। बचे हुए दो आरोपी—शिव रतन गुप्ता और सरदार कुलवंत सिंह—के खिलाफ अदालत ने वारंट जारी किया था। कई बार अनुपस्थित रहने पर अदालत ने उनकी दलीलें खारिज कर दीं और अंततः वारंट निरस्त कर उन्हें सिविल जेल भेजने का आदेश दिया। पुलिस ने दोनों नेताओं को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
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