सोनभद्र के थाना रॉबर्ट्सगंज व पुलिस चौकी सुकृत के अजब गजब कारनामें,,
सोनभद्र ( जनतंत्र की आवाज ) सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज थाना के अंतर्गत सुकृत चौकी द्वारा किये गए कारनामें से क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है, 29नवम्बर मध्य रात्रि सुकृत चौकी द्वारा पशुओं सेभरी दो कंटेनर ज़ब्त कर लिए गए थे,जिनमे लगभग 60से 64 भैसें लदी हुई थी जो शक्तिनगर के रास्ते वाराणसी से होते हुए स्लॉटर हॉउस ले जाने की तैयारी थी तभी मुखबिर के सूचना पर दोंनो कंटेनरों को सुकृत चौकी पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया। सूत्रों की माने तो दोंनो कंटेनरों में लगभग-60-64 के बीच मे पशुओँ की सँख्या थी वही सुकृत पुलिस द्वारा मात्र 26-26 पशुओँ को ही दर्शाने का आरोप लगाया जा रहा हैं। वही सुत्रों की मानें तो सुकृत प्रशासन पर एक और गंभीर आरोप लगाए जा रहे है कि सुकृत चौकी ने सभी पशुओँ को उसी व्यापारी को पुनः शौप दिया, सवाल यह कि जब पशुओं को व्यापारियों को देना ही था तो पकड़ा ही क्यो?
अगर पशुओँ को ज़ब्त किया तो फिर व्यापारियों को ही पुनः क्यो दिया।
सुत्रों की मानें तो पकड़ी गई पशुओं की क़ीमत लगभग 20 लाख के क़रीब बताई जा रही है,
सुत्रों द्वारा पता चला है कि पुलिस ने आधार कार्ड लेकर पशुओँ को ग्रामीणों में वितरित किया है, पर इस विषय पर भी एक सवाल उठता है कि जब पुलिस ने ग्रामीणों में वितरण किया है तो वह भैंसे गई कहा?
किन ग्रामीणों के पास में है पशु???
मामला 29 नवंबर का बताया जा रहा हैं, इस सम्बंध में जब X(ट्विटर)के माध्यम से सोनभद्र पुलिस व यूपी पुलिस से सवाल किया गया कि इस मामले में क्या कार्यवाही हुई?और पकड़ी गई पशुओँ का क्या किया गया तो 3दिन का समय पूर्ण होने को हैं बार बार सवाल करने पर भी अबतलक कोई जवाब नही मिल पाया है,
जबकि यूपी पुलिस व सोनभद्र पुलिस इतनी सक्रिय मानी जाती है कि 5-10 मिनट में ही रिप्लाई X(ट्वीटर) पर दे दिया करती है।
इस मामले ने सुकृत पुलिस चौकी व थाना रॉबर्ट्सगंज समेत सोनभद्र पुलिस को सवालों के कटघरे ला खड़ा कर दिया है।
इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को भी अवगत कराया जा चुका है।
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