अस्पताल पर इलाज में लापरवाही, मौत के बाद पैसे के लिए शव रोकने के आरोप। एसपी , डीएम से मिले मृतका के परिजन, कार्यवाही की मांग


अस्पताल पर इलाज में लापरवाही, मौत के बाद पैसे के लिए शव रोकने के आरोप। एसपी , डीएम से मिले मृतका के परिजन, कार्यवाही की मांग

चंदौली ( जनतंत्र मीडिया )  अलीनगर स्थित आयुष हेल्थ केयर हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगे हैं। बिहार भभुआ निवासी 17 वर्षीय आरुषि कुमारी की 25 अगस्त की रात इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने इलाज का बकाया 44 हजार रुपये जमा किए बिना शव सौंपने से इंकार कर दिया।

सूचना मिलने पर स्थानीय पत्रकार मौके पर पहुँचे। उन्होंने मृतका के भाई और डॉक्टर का बयान लेकर 26 अगस्त की रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक किया। वीडियो सामने आने के बाद मामला तूल पकड़ गया।
मामला गरमाने के बाद अस्पताल संचालक ने मृतका के परिजनों से 5,000 रुपये लेकर शव सौंप दिया। इसके बाद परिजन शव को लेकर अपने गांव भभुआ लौट गए।


इसी बीच 29 अगस्त को अस्पताल संचालक ने नाराज होकर दो पत्रकारों के खिलाफ अवैध धन वसूली का आरोप लगाते हुए अलीनगर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी। आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी जांच और साक्ष्य के, केवल दो घंटे के भीतर मुकदमा दर्ज कर लिया।

मामले में आज 1 सितम्बर को मृतका के परिजन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक चंदौली से मिले। उन्होंने आयुष हेल्थ केयर अलीनगर अस्पताल प्रबंधन और संचालक ऐ के सिंह सहित दो लोगों के खिलाफ लिखित शिकायत दी और निष्पक्ष जांच की मांग की। मृतका के भाई ने मीडिया से कहा कि पत्रकारों ने हमारी समस्या को सामने रखा, तभी शव मिला। उन्होंने पत्रकारों पर दर्ज झूठे मुकदमे को खत्म करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या चन्दौली पुलिस अधीक्षक मृत के परिजनों की गुहार सुनते है या फिर हॉस्पिटल का पक्ष लेते है, कहना यह भी गलत नहीं होगा कि पुलिस अधीक्षक चन्दौली बिना जांच पड़ताल किए ही किसी पर भी मुकदमा लिखवा दे रहे है, अभी हाल ही में इसी आयुष हेल्थ केयर हॉस्पिटल के मामले में ही पत्रकार के ऊपर अलीनगर थाने में मुकदमा लिखा गया है, लेकिन साहब को एक बार भी नहीं लगा कि दोनों पक्षों को सुना जाय , जब एक पत्रकार सच दिखा रहा है तो उसके ऊपर चार चार धाराओं में झूठे मुकदमे लिखे जा रहे है, मानों की गुनाह कर दिया हो आखिर कार ऐसा क्यों हुआ,

क्या इसका जवाब चन्दौली पुलिस के पास है, की किस आधार पर एक पत्रकार के ऊपर अलीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया खैर अब  यूपी पुलिस के पास अब एक ही काम बचा है बिना जांच के पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे करना और थाने चौकी पर पहुंचे गरीब फरियादियों का ना सुनना, और नहीं ही मुकदमा लिखना

 अब देखन यह दिलचस्प होगा कि क्या चन्दौली के पुलिस अधीक्षक क्या आयुष हेल्थ केयर हॉस्पिटल पर की कार्यवाही करते है, या फिर ऐसे ही हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे क्या  मृत परिवार के लोगों को न्याय मिलेगा...... देखने के लिए बने रहे हमारे साथ


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