DDU नगर के आयुष हेल्थ केयर हॉस्पिटल में पैसे न होने के कारण डॉक्टर ने ली 17 वर्षीय युवती की जान , नहीं किया रेफर
आयुष हेल्थ केयर पर कब होगी कार्यवाही , क्या ऐसे पैसे के कारण डॉक्टर लेते रहेंगे मासूमों की जान
चन्दौली, डीडीयू नगर
DDU नगर के एक निजी अस्पताल आयुष हेल्थ केयर हॉस्पिटल में लड़की की मृत्यु पैसों के लिए लास को रोका गया है।
डॉक्टर AK मिश्रा का जवाब मरीज के परिजनों के पास नहीं हैं पैसे तो कैसे छोड़ दें अपने हॉस्पिटल से, एक सवाल यहां उठता है कि जब परिजनों के पास पैसे नहीं थे तो उनके हॉस्पिटल के एम्बुलेंस उस समय कहां गए थे ऐसी परिस्थिति में आयुष हेल्थ केयर हॉस्पिटल की एम्बुलेंस को उसे किसी दूसरे हॉस्पिटल रेफर कर शिफ्ट करना चाहिए था ना कि पैसे बदलने के चक्कर में किसी को जान से मार दें,
ऑडियो क्लिप - जनतंत्र मीडिया के पास सभी बातों का है ऑडियो क्लिप
परिजन का बयान - जब मरीज इनसे नहीं संभाला गया तो हमने बोला कि आप छोड़ दीजिए हम कही और ले जायेंगे लेकिन इन्होंने पैसे जमान ना करने के कारण मरीज को रोक रखा था ,
जिले के स्वास्थ विभाग के अधिकारी शान्त क्यों , आखिर ऐसे अस्पतालों को कैसे चलने देती है , सरकार जहां पर पैसे में अभाव के कारण मार्जिन के जीवन के साथ खेल जाता है।
पुलिस पर परिवार का आरोप हॉस्पिटल आने के बाद पुलिस का कहना है कि आप अपना देख लो और पोस्टमार्टम करा लो
अब इससे सवाल या उठता है कि क्या पुलिस प्रशासन की इसमें कोई जिम्मेदारी नहीं बनती कि ऐसे हॉस्पिटलों पर नकेल कसे जो कि पैसों के अभाव में पड़े मरीजों के जान से भी खेले जा रहे है।
जब डॉक्टर से बात किया गया तो डॉक्टर का कहना है कि मरीज के परिजनों के पास पैसे नहीं होने के कारण उनको जाने नहीं दिया गया, जनतंत्र मीडिया के पास ऑडियो क्लिप मौजूद
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या पुलिस प्रशासन और स्वस्थ विभाग इस पर कड़ी कार्यवाही करती है या फिर कार्यवाही के नाम पर कोरम पूर्ति किया जाएगा
आखिरकार अलीनगर पुलिस ने ऐसा क्यों कहां , किस कारण से कहां, क्या उन पर किसी का दबाव था या फिर राजैतिक कारण आखिरकार ऐसा कहने पर पुलिस मजबूर क्यों हुई
आपको बताते चलें कि परिजनों का कहना है कि मरीज लगभग दोपहर में। हायर चुका था लेकिन दिन में की बवाल ना इस लिए आयुष हेल्थ केयर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने उसकी मृत्यु की सूचना रात में दिए
अब देखना है इस संबंध में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का क्या फैसला होता है।
विवेक भारती ( जनतंत्र मीडिया ) क्राइम रिपोर्टर
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