डीडीयू जंक्शन पर अवैध वेंडरों के गठजोड़ से आरपीएफ मालामाल, यात्रियों के सेहत के साथ खिलवाड़ रेलवे पर अवैध वेंडर भारी
डीडीयू जंक्शन पर अवैध वेंडरिंग जारी, आरपीएफ और अवैध वेंडरों का गठजोड़ सिस्टम पर भारी
चंदौली ( जनतंत्र मीडिया ) यह बात सार्वजनिक है कि डीडीयू जंक्शन पर शराब तस्करी का खेल जीआरपी और अवैध वेंडरिग तथा कोयला चोरी आरपीएफ के संरक्षण में होती है। कुछ दिन पहले आरपीएफ शराब तस्करी के खेल में घुसी तो जीआरपी के साथ ठन गई। लगभग एक महीने जंक्शन पर किसी भी तरह की अवैध गतिविधि पूरी तरह से बंद रही। लेकिन प्रतिमाह होने वाले लाखों रुपये के नुकसान ने जीआरपी और आरपीएफ को एक बाद फिर से समझौता करने पर विवश कर दिया। इसके साथ ही डीडीयू जंक्शन पर एक बार फिर से अवैध वेंडरिंग का खेल युद्धस्तर पर शुरू हो चुका है।
जंक्शन पर 80 से 100 अवैध वेंडर सक्रिय
जंक्शन पर इस समय लगभग 80 से 100 अवैध वेंडर सक्रिय हैं। आरपीएफ इंस्पेक्टर के संरक्षण में पूरा सिंडिकेट पप्पू उर्फ ठेकेदार चलाता है। जबकि आशीष और विजय पप्पू के नीचे काम करते हैं। अवैध वेडरिंग में पेठा, बिरयानी, चाय, बेल्ट, पान मसाला शामिल हैं। प्रति वेंडर प्रतिदिन का सात सौ रुपये चढ़ावा निर्धारित है। स्टालों की वसूली आरपीएफ का कारखास अशोक करता है। जबकि वेंडरों से बबलू और आउटसाइडर मल्लू चौहान खोमचों से वसूली का काम करते हैं। अवैध वेंडर यार्ड, आरआरआई केबिन के पास और डीआरएम आफिस के पीछे से ट्रेनों और जंक्शन पर जाते हैं।
संसद में उठ चुका मामला
बीजेपी सांसद डा. बिनोद बिंद और सपा सांसद विरेंद्र सिंह जंक्शन पर हो रही अवैध वेंडरिंग का मामला संसद में उठा चुके हैं। अवैध वेंडरिंग को रेल की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा भी बताया जा चुका है। लेकिन अधिकारियों के संरक्षण में फल-फूल रही अवैध वेडरिंग की जड़ें इतनी गहरी हैं कि इसपर रोक नहीं लग पा रही। आरपीएफ इंस्पेक्टर की तगड़ी सेटिंग के आगे जनप्रतिनिधियों की भी एक नहीं चल रही। यह बात दीगर है कि इससे रेल की साख पर गहरा असर पड़ रहा है और रेल मंत्रालय की जीरो टालरेंस की नीति परवान नहीं चढ़ पा रही।
Comments
Post a Comment