जलवायु परिवर्तन, इसके प्रभाव और चुनौतियों पर सम्मेलन

जलवायु परिवर्तन, इसके प्रभाव और चुनौतियों पर सम्मेलन

लखनऊ १३ मार्च! जलवायु परिवर्तन वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है इसके व्यापक प्रभाव से निपटने के लिए एक्शनएड एसोसिएशन, विज्ञान फाउंडेशन एवं बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में लखनऊ में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और चुनौतियों पर तीन दिवसीय सम्मेलन के प्रथम दिन का आयोजन लखनऊ के होटल रणवीर में किया गया जिसमें तीन राज्यों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया । 

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर चर्चा करते हुए एक्शन एड एसोसियेशन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर संदीप चाचरा ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले वंचित तबकों की आवाज को मजबूत करना और उन्हें जलवायु न्याय की वैश्विक चर्चा से जोड़ना है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और राजस्थान के हितधारकों को एक साथ लाना था, ताकि वे जलवायु परिवर्तन के बढ़ते संकट और इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर गहन चर्चा कर सकें । उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव खेतिहर मजदूर छोटे किसान रेडी पटरी दुकानदार सभी के ऊपर पड़ता है हां यह बात अलग है कि सबके ऊपर उतना ज्यादा नहीं पड़ता, लेकिन वंचित समुदाय में जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिसमे छोटे किसान, मजदूर ,निर्माण मजदूर तथा मछुआरे भाई , पटरी दुकानदार इनको अधिक नुकसान होता है

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष वाई डिमरी ने कहा कि यह तीन दिवसीय कार्यशाला बहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण है क्योंकि भविष्य में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव और पड़ने वाला है इसके लिए सबको अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

कार्यक्रम में बतौर अतिथि डॉ हीरालाल ने अपनी बात की शुरुवात पेड़ जियाओ, पानी बचाओ, प्लास्टिक भगाओ से अपनी बात शुरुवात करते हुए कहा कि अगर हमें जलवायु परिवर्तन बचाना है तो जितना पानी हम वर्ष भर में खर्च करते हैं उतना पानी हम सबको बचाना पड़ेगा इसके साथ जितनी ऑक्सीजन हम 1 वर्ष में लेते हैं उतनी ऑक्सीजन के लिए हमको पेड़ों को बचाना पड़ेगा, उन्होंने बताया कि प्लास्टिक हम सबके दुश्मन है इससे हमको दूर रहना होगा और उसको भगाना होगा जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आने की जरूरत 

उक्त सम्मेलन में विभिन्न जिलों, कस्बों और गांवों से आए सरकारी अधिकारी, पर्यावरण विशेषज्ञ, शिक्षाविद्, नागरिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, विश्वविद्यालय के शोध छात्र-छात्राएँ और विभिन्न समुदायों के सदस्य शामिल हुए । कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों यथा- बाढ़, सूखा, लू और भूस्खलन पर गहन चर्चा हुई I कार्यक्रम एक्शन एसोसियेशन से खालिद चौधरी संदीप खरे, बाबा साहब विश्वविद्यालय से नंदकिशोर मोरे सहित तमाम लोगों ने अपनी बात रखी।

     

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