ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों/पैथोलॉजियो की भरमार।
फर्जी डॉक्टरों पैथोलाजियों द्वारा मरीजों के जीवन से किया जा खिलवाड़ एवं यही लोग कर रहे हैं, शासन को बदनाम।।
ओम प्रकाश द्विवेदी
मिर्जापुर। क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों, पैथोलॉजी की दुकानें दिनों दिन बढ़ती जा रही है। फर्जी डॉक्टरों, पैथोलॉजी द्वारा मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। नारायनपुर बाजार से लेकर रानी बाग, अदलहाट, अहरौरा,जमुई, जमालपुर, चुनार, कैलहट, पड़री सहित पूरे जनपद में कुकुरमुत्ता की तरह फैले हुए हैं। गांव कस्बे में जगह-जगह बिना रजिस्ट्रेशन वाले डॉक्टर क्लीनिक चला रहे हैं। इतना ही नहीं क्लिनिको के नाम बड़े शहरों के क्लिनिको के तर्ज पर रखते हैं। जिससे लोग आसानी से प्रभावित हो जाते हैं। मरीज अच्छा डॉक्टर समझ कर इलाज करवाते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का पता नहीं रहता है कि उनका इलाज भगवान भरोसे किया जा रहा है। नारायनपुर और जमालपुर में कुछ ऐसे क्लिनिक हैं, जो बिना नाम और बोर्ड के चलते हैं। ऐसा ही एक मामला जमालपुर क्षेत्र में प्रकाश में आया है, जहां मरीज से ऑपरेशन के नाम पर पैसे लिए जाते हैं। और फर्जी तरीके से हर्निया का ऑपरेशन कर टाकें लगा दिए जाते हैं। कुछ दिन बाद पीड़ित मरीज जब अपना अल्ट्रासाउंड कराता है, तो पता चलता है की उसका ऑपरेशन हुआ ही नहीं। परेशान होकर मरीज जब डॉक्टर के पास जाता है तब डॉक्टर द्वारा यह कहकर उसे लौटा दिया जाता है की हमने तो ऑपरेशन कर दिया है। पीड़ित मरीज ने जब अल्ट्रासाउंड की कॉपी डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने कहा की ना मैं तुम्हारे पैसे वापस करूंगा और ना ही मैं तुमसे डरता हूं, तुम्हें जो करना है कर लो। अब ऐसे में पीड़ित मरीज जाए तो जाए कहां। अनुभवहीन डॉक्टर पैसे की लालच में मरीज के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे है। फर्जी डॉक्टरों के लिए यह धंधा काफी लाभदायक है। मरीज को लुभाने के लिए बड़े डॉक्टर की तर्ज पर जांच करवाते हैं, और जांच के आधार पर मरीज का इलाज करते हैं। जिससे मरीज को लगे की डॉक्टर सही है, एवं उनका इलाज सही तरीके से किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र की लगभग हर गली में एक-दो फर्जी क्लिनिक चल रहे हैं। फर्जी डॉक्टरों ने इस धंधे को और लाभदायक बनाने के लिए कुछ निजी अस्पतालों से भी साठ गांठ कर रखी है। मरीज की हालत ज्यादा गंभीर होने पर उन्हें बड़े शहरों में भेज देते हैं, जहां से उन्हें कमीशन के तौर पर फायदा होता है। फर्जी डॉक्टरों का धंधा गांव और कस्बों में खूब फल फूल रहा है। फर्जी डॉक्टर ग्राम स्तर पर शाखाएं जमा हुए हैं। और बड़े डॉक्टर की तर्ज पर सप्ताह में चार दिन बिना संसाधनों के क्लीनिक चलाते हैं। फर्जी डॉक्टर वही दवा लिखते हैं, जिनमें उन्हें कमीशन मिलता है। अक्सर ऐसे मामले देखने को मिलते हैं कि फर्जी डॉक्टरों द्वारा इलाज से मरीज की जान पर आफत आ जाती है। ऐसे में फर्जी डॉक्टर अपनी बचाव में प्राइवेट हॉस्पिटल में रेफर कर देते हैं। स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन को इनकी भनक तक नहीं है कि क्षेत्र में फर्जी डॉक्टरों द्वारा कितने बिना पंजीकरण के क्लीनिक संचालित किये जा रहे हैं। यदि शीघ्र ही फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इनकी संख्या बड़ी तादाद में बढ़ती चली जाएगी। और मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होता रहेगा। स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन को उचित कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे आम जनमानस को फर्जी डॉक्टरों के चंगुल में फंसने से बचाया जा सके।
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