मानव तस्करी सामुदायिक भागीदारी से जमीनी स्तर पर सुरक्षा तंत्र का निर्माण और त्वरित कार्यवाही करके रोका जा सकता है। शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी-एडीजे
प्रत्येक मिनट में एक ब्यक्ति हो रहा मानव तस्करी का शिकार - रामवृक्ष गिरि
पडरौना कुशीनगर। 30 जुलाई को विश्व मानव तस्करी निरोधक दिवस के अवसर पर एडीआर भवन कुशीनगर में श्री शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी अपर जिला जज/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुशीनगर की अध्यक्षता में मानव तस्करी और उसके असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, कमजोर समुदायों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के सामाजिक-आर्थिक विकास और सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
मानव तस्करी निरोधक दिवस के अवसर पर मानव तस्करी की रोकथाम, सुरक्षित और सूचित प्रवासन को बढ़ावा देने, प्रवासी एवं बाल अधिकारों के संरक्षण तथा "महिलाओं और लड़कियों के लिए हिंसा मुक्त वातावरण के निर्माण के लिए देश ब्यापी अभियान की शुरुआत गोष्ठी के माध्यम से की गयी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए रामवृक्ष गिरि सामाजिक कार्यकर्ता कुशीनगर ने कहा मानव तस्करी और चलाये जाने वाले जागरूकता अभियान पर विस्तार से बताते हुए कहे कि प्रत्येक मिनट में एक ब्यक्ति मानव तस्करी का शिकार हो रहा है। इस लिए इस देश ब्यापी अभियान में कार्यशालाएँ, जागरूकता अभियान, सामुदायिक संवाद और सहयोगात्मक कार्यवाहियों के माध्यम से मानव तस्करी रोकथाम के लिए गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इस कार्यक्रम में श्रमिक सुविधा केंद्र कुशीनगर, मानव सेवा संस्थान 'सेवा', एक्शनएड एसोसिएशन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पीएलबी, श्रम विभाग, बाल संरक्षण, वन स्टॉप सेंटर, सी डब्लू सी, एएचटीयू कुशीनगर, मीडिया और असंगठित मजदूर यूनियन के पदाधिकरियों की उपस्थिति में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री त्रिपाठी ने कहा की भारत के कई सीमावर्ती ज़िलों में मानव तस्करी एक गहरी जड़ जमाए बैठी है। भारत तस्करी के स्रोत, गंतव्य और पारगमन देश के रूप में कार्य करता है - जिससे पुरुष, महिलाएँ और बच्चे प्रभावित होते हैं, जिनमें से कई का जबरन श्रम या यौन शोषण किया जाता है। इसमें महिलाओं और लड़कियों की संख्या एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। उन्होंने ने कहा कि मानव तस्करी व्यक्तियों की तस्करी है, जो शोषण के उद्देश्य से की जाती है। इसमें यौन शोषण, जबरन श्रम, घरेलू गुलामी, अंगों की तस्करी और जबरन अपराध या भीख मँगवाना शामिल हो सकता है।सामुदायिक भागीदारी और स्थानीय कार्रवाई तथा जमीनी स्तर पर सुरक्षा तंत्र का निर्माण करके इसको रोका जा सकता है।
अनिरुद्ध कुशवाहा सदस्य सी डब्लू सी कहे की मानव तस्करी एक गंभीर अपराध है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है, खासकर महिलाओं और बच्चों को।
विनाय शर्मा बाल संरक्षण अधिकारी ने कहा कि मानव तस्करी को रोकने, पीड़ितों की पहचान करने और उन्हें सहायता प्रदान करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सबको जागरूक करना होगा।
रीता यादव सेंटर मैनेजर वन स्टॉप सेंटर कहीं कि मानव तस्करी के कई कारण हैं, जिनमें गरीबी, बेरोजगारी, संघर्ष, प्राकृतिक आपदाएं और सामाजिक-आर्थिक असमानताएं शामिल हैं।
मुकेश यादव एंटी ह्यूमन ट्रेफ्फिकिंग यूनिट पुलिस ने कहे कि मानव तस्करी के बारे में जागरूकता बढ़ाना महत्वपूर्ण है ताकि लोग इसके बारे में जान सकें और इसके शिकार होने से बच सकें।
मोहन लाल गुप्ता चाइल्ड लाइन ने कहा यह दिवस मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में एकजुटता दिखाने और पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने का एक अवसर है। कार्यक्रम में एचआरडी दुर्गा देवी, राजू प्रसाद, दुर्गेश निषाद, रामबहाल सिंह, दिनेश प्रसाद, हरदेव प्रजापति, अक्षयबर पासवन आदि ने अपने विचार साझा किये।
कार्यक्रम के अंत में अपर जिला जज ने कहा कि इस प्रकार के कार्य से सरकारों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, नागरिक समाज और जनता से मानव तस्करी को रोकने, पीड़ितों की पहचान करने और उन्हें सहायता प्रदान करने के प्रयासों को मजबूत करने का आह्वान होता है। इस कार्यक्रम में डलसा हमेशा साथ खड़ा है।
इस अवसर पर सुनैना देवी, मनीष कुमार, पंकज कुमार श्रम विभाग, विमला देवी, डलसा से राजकुमार वर्मा, प्रदीप ओझा, विजय मिश्रा, मार्कण्डेय यादव, सुमन कुमारी, रविंद्र नाथ, नलिन सिंह जिला मिशन समन्वयक, सुनीता, नन्दलाल, रमेश, श्रीकिशुन गोंड, मुहम्मद नईंम, योगेंद्र प्रसाद, रजत गुप्ता, मुखलाल आदि उपस्थित रहे।
Comments
Post a Comment